गुरुवार, 30 सितंबर 2010

क्या कमाल का प्रिंसिपल है !

डॉ.लाल रत्नाकर
मुझे याद है जब मै इस शहर के एक बड़े कालेज में ज्वाइन किया था तब पता चला की यह साहब फला सिंह है और इनकी कोचिंग टॉप पर है, यह ज्यादा समय अपने कोचिंग में ही ब्यस्त रहते है , उन दिनों उस विभाग में कई लोग इस अतरिक्त पेशे में लगे हुए थे  पर वह अपनी कालेज की क्लासेस भी लेते थे, पर फला सिंह कभी क्लास में जाते ही नहीं थे, यह बात तब पता चली जब रायसाहब ने यह बताया की यह ससुरा कभी क्लास लिया हो तब तो जाने की कालेज क्या होता है, प्रिंसिपली करने चला आया है. 

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