गुरुवार, 30 सितंबर 2010

क्या कमाल का प्रिंसिपल है !

डॉ.लाल रत्नाकर
मुझे याद है जब मै इस शहर के एक बड़े कालेज में ज्वाइन किया था तब पता चला की यह साहब फला सिंह है और इनकी कोचिंग टॉप पर है, यह ज्यादा समय अपने कोचिंग में ही ब्यस्त रहते है , उन दिनों उस विभाग में कई लोग इस अतरिक्त पेशे में लगे हुए थे  पर वह अपनी कालेज की क्लासेस भी लेते थे, पर फला सिंह कभी क्लास में जाते ही नहीं थे, यह बात तब पता चली जब रायसाहब ने यह बताया की यह ससुरा कभी क्लास लिया हो तब तो जाने की कालेज क्या होता है, प्रिंसिपली करने चला आया है. 

बुधवार, 22 सितंबर 2010

वाह रे नेता जी !

डॉ.लाल रत्नाकर
नेता जी ने गुंडागर्दी के बल पर मास्टरी पाई की नहीं पाई यह उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना यह की 'एक गुंडा जो मास्टर बन जाय और पूरे शिक्षा तंत्र में अपने इसी रूप और संस्कार को व्यवस्था का हिस्सा बना दे' कुछ ऐसा ही एक नेता हमारी जानकारी में आया है, उसके जिस जिस से सम्बन्ध रहा है उसकी स्थिति अच्छी नहीं रही है या तो वह आज नौकरी में नहीं है या मुकदमे झेल रहा है, इस बीच उस नेता के चक्कर में जो भी आया उसे वह चूना जरुर लगाया. चरित्र लिखवाने से लेकर अपने चरित्रहीनों को बचाने तक का सारा काम नेता जी को खूब रास आता है नेता है तो गाली गलौज तो करेगा ही.