बुधवार, 22 सितंबर 2010

वाह रे नेता जी !

डॉ.लाल रत्नाकर
नेता जी ने गुंडागर्दी के बल पर मास्टरी पाई की नहीं पाई यह उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना यह की 'एक गुंडा जो मास्टर बन जाय और पूरे शिक्षा तंत्र में अपने इसी रूप और संस्कार को व्यवस्था का हिस्सा बना दे' कुछ ऐसा ही एक नेता हमारी जानकारी में आया है, उसके जिस जिस से सम्बन्ध रहा है उसकी स्थिति अच्छी नहीं रही है या तो वह आज नौकरी में नहीं है या मुकदमे झेल रहा है, इस बीच उस नेता के चक्कर में जो भी आया उसे वह चूना जरुर लगाया. चरित्र लिखवाने से लेकर अपने चरित्रहीनों को बचाने तक का सारा काम नेता जी को खूब रास आता है नेता है तो गाली गलौज तो करेगा ही.

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